Monday 29 December 2014

कमजोर मत समझिए लड़कियों को्

यह बात उन कमजोर लड़कियों के लिए है जो लड़कों की छ़ेड़ छाड़ और छींटाकशी से घबरा जाती हैं। घर से निकलना बंद कर देती हैं। उन्‍हें डर होता है कि परिवार वालों को बताया तो परिवार वाले भी उन्‍हें ही गलत कहेंगे। यदि कोई लड़का उन्‍हें छेड़ता है और अड़ोसी पड़ोसी देख ले तो वे भी लड़कियों को ही गलत साबित करने में लग जाते हैं। समाज ऐसा ही है। लेकिन अब समय आ गया है कि लड़कियां आगे आएं और आवाज उठाएं और चुप न रहें। वे जब तक चुप रहेंगी वे ही दोषी ठहराई जाती रहेंगी। अगर लड़कियों को इस अजायब से बचना है तो उन्‍हें न केवल बोलना होगा बल्कि आंखें चौड़ी और हाथ ढाई-ढाई किलो के बनाने होंगे।

लड़कियों को अब यह भी समझना होगा कि आप जब तक दबेंगी, डरेंगी और छुपेंगी दुनिया आपको दबाएगी और डराएगी। इतिहास गवाह है जिन जिन लड़कियों ने हालात का सामना किया है और आवाज बुलंद की है उन्‍हें भले ही कुछ दिन कष्‍ट सहना पड़ा है लेकिन वही कष्‍ट उनके लिए हिम्‍मत साबित हुआ है। आप अपने इर्द गिर्द ही नजरें दौराइए ऐसी हजारों औरतें बसों में धक्‍के खाती हुई मिल जाएंगी। कभी कभी मनचले उनके पूरे शरीर को अपनी जागीर तक समझने लगते हैं और हरकत कर डालते हैं जिसका खामियाजा उन्‍हें भुगतना भी पड़ता है। हरियाणा की दोनों बहनों पर चाहें जितने भी आरोप लगे हों लेकिन उन बहनों ने तीनों मुस्‍टडों के साथ हाथा पाई कर अलख तो जगा ही दिया है।दिल्‍ली के लक्ष्‍मी नगर की लाल बत्‍ती की घटना है दोपहर के तीन बजे का समय था। एक लड़की मोटर बाइक पर थी इन दिनों लड़कियां फर्राटे से हवा में बात करती हुई बाइक चलाती नजर आ जाती हैं। चूंकि लड़की थी तो जाहिर है कुछ मनचलों का दिल भी मचल गया सो लग लिए उस लड़की के पीछे। लाल बत्‍ती जैसे ही हुई लड़की रुक गई लड़के जो काफी देर से उसका पीछा करते हुए चले आ रहे थे बत्‍ती पर उससे फिर बदतमीजी करने लगे। शायद वे अश्‍लील शब्‍दों का भरपूर उपयोग कर रहे थे। लड़की की बेचैनी उसके बाइक को आगे पीछे करने की वजह से नजर आ रही थी लेकिन लड़के बिलकुल पीछे पीछे लगे हुए थे। उनकी बदतमीजी उस समय लाल बत्‍ती पर खड़ी लगभग हर एक गाड़ी में बैठा शख्‍स देख समझ रहा था लेकिन किसी के कुछ कहने की हिम्‍मत नही थी न किसी ने कहा ही।  लड़की शरीर से दुबली पतली थी, उनकी बदतमीजियों को नजरअंदाज कर रही थी लेकिन जब उसकी बर्दाश्‍त की हद हो गई तो उसने बड़ी ही स्‍टाइल से गाड़ी को स्‍टैंड पर लगाया और उन लड़कों के पास  आई और पीछे वाले लड़के कंधे पर हाथ रखा और नीचे उतरने की इशारा किया। लड़का अपने आपको बलवान समझ रहा था  वह भी स्‍टाइल में उतरने का था तब तक तो उस लड़की ने अपना जूडो कराटे का जादू दिखाना शुरू कर दिया था्। अभी आगे वाला कुछ समझ पाता कि वह अपने दोस्‍त को बचाए या खुद बचे। वह सरपट भागने लगा। लाल बत्‍ती हरी हो चुकी थी। लड़की ने उस लड़के को पटखनी दी। गाडि़यों की चिल्‍ल पों शुरू हो चुकी थी कुछ लोग दौड़ के आए भी लेकिन लड़की ने बड़ी दिलेरी से कहा जब ये छेड़ रहा था तब आप मजे ले रहे थे अब मैं मार रही हूं तो इन्‍हें बचाने आए हो या मुझे। लड़की ने हेलमेट उतारा और पूछा अब क्‍यों आए हो। अभी कोई बेचारी सी लड़की होती तो ये दोनों तो उसे मारने का पूरा इंतजाम कर चुके थे। इन्‍हें समझाओ जब तक हम शांत है, शांत है जिस दिन अपने पर आ गईं दो नहीं पांच आठ की बैंड अकेली ही बजाएगी। हमारी हिम्‍मत और देखनी है। लड़की ने हैलमेट पहना, गाड़ी उठाई और निकल पड़ी। गुड लक कह कर निकल गई। 
  कहानी यहां खत्‍म नहीं होती है----यह महज एक हिम्‍मत लड़की की दास्‍तां भर है ऐसी हजारों  लड़कियां आपको अपने इर्द गिर्द नजर आ जाएंगी जो रोज हालात से लड़ रही हैं और जीत रहीं हैं। मिसाल कायम कर रही है। लड़कियों की हिम्‍मती होने का एक और दिलचस्‍प वाक्‍या राजधानी की सड़क का ही है। इस बार रक्षा बंधन वाले दिन खूब बारिश हुई थी। सारी सड़के नदी नालों में तब्‍दील हो गई थीं। बहनें भाई को राखी बांधने  के लिए न जाने कहां कहां से चली आ रही थीं। आश्रम चौक के पास लाजपत नगर की सड़क पर भी पानी भड़ा हुआ था। तीन लड़कियां खूब सज धज कर राखी, मीठा और फल लिए हुए ऑटो में बैठी थीं। चूंकि सभी गाडि़या रेंग रहीं थी और कपड़े किसी के खराब न हो जाएं इसका भी गाड़ीवान ध्‍यान रख रहे थे। तभी हरी बत्‍ती हुई और नौजवान को समय मिल गया लड़कियों को छेड़ने का और उसने खूब तेज गाड़ी भगाई सारा सड़क का गंदा पानी लड़कियों पर ऑटो चालक पर आ गया। लड़कियां, ऑटो वाला समेत कई बाइक वाले भी उस कार चालक पर चिल्‍लाए लेकिन वो अपनी इस हरकत पर मग्‍न था मानो जैसे उसने बडी बहादुरी का काम कर दिया हो। लड़कियों ने ऑटो वाले से कहा कि अंकल अब आप इस गाड़ी के पीछे हमें ले चलो अब तो पहले हम इससे बदला लेंगे फिर जाएंगे जहां हमें जाना है। ऑटो वाला भी लड़कियों के साथ हो लिया उसने फिर उस गाड़ी का पीछा किया और कार चालक को इशारा रुकने का किया। गाडी उसने तेज भगाई लेकिन अगली लाइट पर बच न सका। लड़की ने ऑटो वाले से कार चालक के शीशे के पास ऑटो खड़ा कराया और मुस्‍कुराते हुए शीशा खटखटया। नौजवान ने जब लड़की को देखा तो झट उसने शीशा खोला और अपना चेहरा बाहर निकाल कर पूछा- हां –कहीं चलना है छोड़ दूं। लड़की ने आव देखा न ताव जूती में जो गंदा पानी भरा था उसी को उसके सिर पर दे मारा। और मारती रही जब तक उसने शीशा ऊपर नहीं कर लिया। इस नजारे को लाइट पर कई लोग देख रहे थे और सभी ने उन बहनों का ताली बजा कर स्‍वागत किया।
जरा सी हिम्‍मत बस------कीजिए तो सही 
  

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