Saturday 20 December 2014

आप विरोध की आवाज़ बुलंद करते हैं आपकी आवाज़ दबा दी जाती है

सॉफ्टवेयर से आप एक बार गाना गा सकते हैं गायक नहीं बन सकते : सोनू निगम

जब भी आप विरोध की आवाज़ बुलंद करते हैं आपकी आवाज़ दबा दी जाती है ऐसा सिर्फ किसी कमजोर के साथ नहीं होता बल्कि विरोध का सुर उठाने पर खामियाजा ताकतवर और प्रसिद्ध  लोगों को भी उठाना पड़ता है। संगीत के मामले मे ऐसी ही आवाज़ उठाई थी गायक सोनू निगम ने जिनहे न केवल फिल्म इंडस्ट्री से लंबा विरोध झेलना पड़ा बल्कि इंसानियत का पाठ पढाने वाले सलमान खान ने तो उनके गाए गीत को अपनी आवाज़ तक मे डब कर डाला। सोनू निगम ने अपने ऐसे ही कई खट्टे मीठे अनुभव बांटे .
पिछले दिनों खबर थी की फिल्म इंडस्ट्री कॉपी राइट के मामले मे आपके विरुद्ध खड़ी हो गई है? आपके गाए गीत भी दूसरों की आवाज मे सामने आए । क्या ये सच है ?
जी ये बात सौ फीसदी सच है। मैंने कॉपी राइट के मामले मे आवाज़ उठाई तो बिना मेरी बात और कॉपी राइट के मामले को पूरी तरह से समझे हुए पूरी इंडस्ट्री मेरे खिलाफ हो गई और मेरे गाए गीतों को बिना मुझे बताए दूसरे गायकों से गवाया भी। मुझे मेरे पीछे हुई इन सभी गतिविधियों की जानकारी या तो मीडिया से या फिर फिल्‍म रिलीज होने के बाद ही पता चली। यहां तक की मेरे द्वारा गाए गए कई गीतो की फीस भी नहीं दी गई।
क्या है ये कॉपी राइट का मामला ?
किसी भी लिफ्ट में , रेस्टोरेन्ट में या शॉपिंग मॉल मे जब हमारा या किसी भी गायक का गीत बजाया जाएगा तो उसका कुछ पैसा उस कंपनी के खाते मे जाएगा जिसने वह गीत रिकॉर्ड किए हैं। वह कॉपी राइट से आया हुआ पैसा गायक की जेब में नहीं जाता है। यहीकॉपी राइट का नियम है अधिकार भी और मांग भी। फिल्म इंडस्ट्री मे कॉपी राइट की बात कई वर्षों से हो रही है लेकिन कोई आवाज़ नहीं उठा रहा था मैंने आवाज बुलंद की तो उसका नतीजा ये हुआ की मेरे गाए गीतों को जिसकी फीस भी मुझे नहीं दी गई उसे दूसरे गायको से दुबारा गवाया गया और मुझे गाने के ऑफर मिलना भी बंद हो गए। लेकिन मैं अपनी बातों पर अडिग रहा अब सब ठीक है। देखिए पिछले दिनों हैंगओवर गीत खूब पॉपुलर हुआ जिसे सलमान भाई ने गाया है असल में वह गीत मैंने गाया था श्रेया के साथ। लेकिन कॉपी राइट की लड़ाई में वह गाना सलमान भाई ने गाया और पॉपुलर भी खूब हुआ। बधाई सलमान भाई को।   
 सलमान खान भी अब गायक हो गए हैं ? कई अभिनेता और अभिनेत्री फिल्‍मों में तो गा ही रहे हैं अपने प्राइवेट एल्‍बम भी रिलीज कर रहे हैं ऐसे में आप गायको पर कितना खतरा मँडराता हुआ दिखाई दे रहा है?
देखिए खतरा तो उन्हे होता है जिन्‍हें तुरंत फुरत सफलता मिलती है। हमने यहाँ इस इंडस्‍ट्री में अपनी जूतियाँ नहीं गला घिसा है।फिर आप हमसे यहां इंटरव्‍यू ले रहीं हैं। जब हम स्‍टेज शो करने पहुंचते हैं तो बिना रुके और सांस फुलाए घंटो गा सकते हैं। श्रोता अच्छे बुरे का अंतर खूब समझते हैं आप उन्हें बेवकूफ नहीं बना सकते हैं। अब जब सलमान गायक बन गए हैं तो आप समझ सकते हैं की तकनीक किसी को भी गायक बना सकती है। पहले वाला जमाना नहीं है की सारे संगीतकार, गायक, गायिका साथ होते थे घंटो रियाज होता था तब कहीं जाकर गाना रिकॉर्ड होता था। समय बादल चुका है अब म्यूजिक कब रिकॉर्ड हुआ न गायक को पता होता है न गायिका को। गायक गायिका साथ नहीं गाते। वे दोनों अपने अपने समय और सुविधा के अनुसार गाना गाकर चले जाते हैं बाद में उस गाने को मिक्स कर दिया जाता है। ऐसे सॉफ्टवेयर हैं बाज़ार में की आप एक लाइन बेसुरी या सुर में किसी भी अंदाज़ मे गाएं, उसे सुरीला बना दिया जाता है। इन दिनों तो पूरी इंडस्ट्री इसी तरह से काम कर रही है और हर दिन आपको नए गायक मिल रहे हैं इसमें क्या सलमान और क्या शाहरुख।
पहले और आज के संगीत मे, गायकी मे और लिरिक्स मे बहुत अंतर है आपको किस दौर के गाने ज्यादा पसंद है?
दिल से बोलूँ तो मुझे भी आर डी बर्मन, शंकर जयकिशन , मदन मोहन के ही गीत पसंद हैं।  उस समय और आज के समय मे बुनियादी फर्क है पहले गीत बनाया जाता था आज गीत मिक्स किया जाता है।  पहले के गीत को आप कहीं भी कभी भी किसी के साथ भी गा सकते थे लेकिन आज के गीत ऐसे वाहयात बन रहे हैं की आप कहीं भी किसी के साथ और कभी भी नहीं गा सकते हैं।
आज के गीत के बोल भी गंदे हो चुके हैं? कैसे रुकेगा ये दौड़ ?
ये आप और आम जनता ही रोक सकते है। जब तक मीडिया और जनता इसका पूरी तरह से विरोध नहीं करेगी ये वाहयात चीजें परोसी जाती रहेंगी। जब किसी फिल्‍म या गीत के विषय में कहा जाता है उफफ हम समाज को क्‍या दिखाना और सुनाना चाहत रहे हैं तो उस फिल्‍म में और गीत में क्‍या गलत या खराब है यह जानने के लिए हम उसे देखने जाते हैं और उसे देख देख कर हिट बना देते हैं। क्यू देखे जब वो खराब है। विरोध कीजिए।  विदेशों मे भी गंदी चीजे बनती हैं उसे यू ट्यूब पर लोड कर उसका इतना भारी विरोध किया जाता है कि कलाकार वैसा कोई गाना दुबारा बनाने कि कोशिश नहीं करता। हमारे यहां उसका गंदगी तारीफ में बदल जाती है और वह बड़े आराम से सौ करोड़ी क्लब मे शामिल कर दी जाती है। गलत को गलत कहिए और उसका विरोध कीजिए यही नहीं उस गीत और फिल्‍म को देखना, सुनना बंद कीजिए।
अपने लाइव बैंड क्लोज टू माइ हार्ट के विषय मे बताए क्या म्यूजिसियन के दिन वापस आ रहे हैं ?
हम अपनी पुरानी कला को भूलते जा रहे हैं। पहले ऐसे ही लाइव कार्यक्रम हुआ करते थे। अब भी लाइव परफ़ोर्मेंस होती हैं लेकिन उसमें गायक आता है और सिर्फ जीभ लपलपा के चला जाता है। उनके गीत के पीछे ट्रैक बज रहे होते हैं। ऐसे में हजारों दर्शकों के सामने 30 म्‍यूजिसियन के साथ तालमेल बिठाते हुए गाना रोमांच से कम नहीं होता है और श्रोता भी उसे बहुत इंजॉय करती है। नई पीढ़ी को भी हक है कि वह इस रोमांच को जीए। पहले जमाने में जब एक गीत तैयार किया जाता था तो उसके लिए घंटो रियाज और हफतों तक तैयारियां की जाती थी जिसे हम आज भी सुनते हैं। किसी की एक छोटी सी गलती पर पूरा गाना फिर से रिकॉर्ड होता था ऐसे मे जब आप एक साथ कई कलाकारों के साथ स्टेज पर होंगे तो समझ सकती है लाइव कन्सर्ट मे श्रोताओं और हमे भी कितना मज़ा आएगा।
  कई टेलीविज़न चैनल हर दिन गायकों की तलाश मे जुटे हैं, नयों को प्लैटफ़ार्म मिल रहा है? आपके जमाने से ये कितना अलग है ?
टेलीविज़न चैनल ने देश को बड़े बड़े गायक दिए हैं। कुनाल गुंजावाला, श्रेया घोषाल और सुनिधि चौहान ,अर्जित सिंह, अंकित तिवारी। अब इन्‍हें वो स्‍ट्रगल नहीं करना पड़ा जो पहले जमाने के गायकों को करना पड़ता था। ये अपने करियर के शुरुआत में ही टेलीविजन के माध्‍यम से पहचान बना चुके होते हैं। इन्‍हें किसी तरह की पहचान की जरूरत ही नहीं रह जाती है। इन चैनलों की वजह से अब कोई भी गायक हैंड टू माउथ की स्थिति में नहीं रहता है। यह बहुत अच्‍छा है। सभी अच्छा कमा खा रहे हैं।
इन दिनों पूरे देश मे स्वछ्ता अभियान चल रहा है, आपका इस अभियान के बारे मे क्या कहना है ?

जी स्वच्छ रहना तो बहुत अच्छी बात है जैसा हमे बचपन से बताया जाता है खाना खाने से पहले हाथ धोएँ। सोने से पहले हाथ पैर अवश्य धोएँ। लेकिन इस अभियान मे जिस तरह का सारे नेता और सेलेब ढोंग कर रहे हैं और साफ जगह पर कूड़ा गिरा कर झाड़ू लगा रहे हैं इस दिखावे की बजाए यदि वे सचमुच की गंदगी साफ करें तो हमारे देश का कल्‍याण होगा। हमारे देश झुग्‍गी झोपड़ी से अटी परी है वहां गंदगी का अंबार लगा है कोई भी नेता वहां जाकर सफाई करता दिखाई नहीं दे रहा है। मेरी गुजारिश है कि सेलिब और नेता वहां सचमुच गंदगी है वहाँ की सफाई करें ।
सोनू निगम से बातचीत करती मैं पूजा मेहरोत्रा

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