Tuesday 27 January 2015

आज मेहू के मन की बात, उसे उसका प्‍यार मिले

मासूम ‘मेहू’ के लिए दुआ कीजिए, उसे उसका प्‍यार मिले

आज जब पूरा देश मोदी और ओबामा की मन की बात सुन रहा है। ठीक उसी वक्‍त मेहू (मेरे पड़ोस की लड़की) मेरे बालों को सहलाते हुए, डबडबाई आंखों और रुंधे गले के साथ अपनी मन की बात कर रही थी। उसकी डबडबाई आंखें मुझसे कई कई सवाल एक साथ कर रहीं थीं। मैं निरुत्‍तर शून्‍य देखने को मजबूर खुद से कई सवाल कर रही थी।
मेरी तबियत कई दिनों से खराब है। मुझे बुखार है। मेहू आकर रोज मेरे लिए कुछ पका जाती है और अपनी चहकती आवाज से दिल बहला देती है। हमेशा चहकने वाली मेरी प्‍यारी ‘मेहू’ धीरे धीरे कुछ शांत और गुमसुम सी रहने लगी है। उसकी आंखे कुछ तलाशती रहती हैं। आंखें बात बात पर डबडबा जाती हैं। मैं चाह कर भी उससे कुछ नहीं पूछ रही थी पता नहीं क्‍या परेशानी है, पूछूं तो कहीं कुछ गलत न हो जाए। ‘मेहू’ नाम उसी ने रखा है जिससे वो प्‍यार करती है। और अब उसे यह नाम इतना अच्‍छा लगता है कि वह यही सुनना चाहती है। फिर मैंने उसकी इस मांग को पूरा करने में समय न लगाते हुए उसे मेहू बुलाया। अजीब चीज है ये प्‍यार भी। एक बार तो खुशियां देता है उसके बाद आंसू ही आंसू।  
आज मेहू ने मुझे थोड़ा ठीक देखा तो मानों फट पड़ी। सिर सहलाते हुए पूछा- दीदी मैं ही क्‍यों ? कई लड़कियां होगी उसके आस पास उसने मुझे क्‍यों, बोलते बोलते चुप सी हो गई।
मैंने उसके हाथों को अपने हाथों में लेकर पूछा बताओ क्‍या चल रहा है तुम्‍हारे मन में…….
क्‍यों परेशान हो। 
बोली दीदी मुझे ‘मेहू’ बुलाइए। उसकी आंखें झरने की तरह बह रही थीं। बीच बीच में सिसकियां। उसके आंसू मुझे अंदर तक कब रुलाती चली गईं पता ही नहीं चला।
 मैंने उसे गले लगाया और कहा रो लो मेहू।
उसने सिसकियों और रुंधी आवाज के बीच अपनी प्रेम कहानी सुना दी। प्‍यार है तो बड़ा फिल्‍मी लेकिन प्‍यार तो प्‍यार ही है न….! उसके मन के बोझ को कम करने की कोशिश में मैंने कहा, लड़के ऐसे ही होते हैं। भूलने की कोशिश करो उसे।
  उसने मेरी बात को झट से काटते हुए कहा दीदी उसकी आंखें सच बोल रही थीं। मुझे उसपर विश्‍वास है। उसने कहा था कि वो सोमवार को आएगा।
 हर सोमवार को मेहू पागलों की तरह उसका, उसके फोन का और उसके किसी भी तरह के संदेश का इंतजार करती है। फोन हाथ से हटने नहीं देती।
दीदी उसने कहा था कि हम बहुत सारी बातें करेंगे।
मैंने पूछा तुम्‍हें विश्‍वास है कि वह सच्‍चा इंसान था?
 बोली हां दीदी ! बहुत सच्‍चा। मैंने पूछा सच्‍चा होता तो जाता ही नहीं, जिंदगी में आगे बढ़ो भूल जाओ। वो जा चुका और वो कभी नहीं आएगा।  जो चले जाते हैं वो वापस नहीं आते । आज जी भर के रो और भूल जाओ उसे।
उसकी सिसकियां मुझे अंदर तक तोड़ती चली गईं, जब उसने कहा ‘दीदी मैंने किसी का कुछ गलत नहीं किया फिर ये सजा मुझे क्‍यों दी’ उसने कहा था हम साथ साथ हैं, हमारे बीच कोई नहीं। दीदी उसकी बातें मुझे सच्‍ची लगती हैं। दीदी उसने मेरे ‘माथे को चूमा था’ आप ही कहती हैं न इसका मतलब है कि वह इंसान आपसे बहुत प्‍यार करता है।
मैं चुप थी, क्‍योकि बातों बातों में जब उसने मुझसे पूछा था कि जब कोई बात करते हुए आपके माथे को चूमे तो क्‍या मतलब समझना चाहिए।
मैंने पूछा और कुछ बात हो तो बताओ, मेरी नजरें तिरछी थीं, लेकिन उसकी आंखों में विश्‍वास।
आंसू पोछते हुए बोली दीदी हमने तो सिर्फ दोस्‍ती का हाथ बढ़ाया था, प्‍यार का इजहार उसने किया था। उसने मुझे मजबूर किया कि मैं उसे प्‍यार करूं। और अब जब कर रही हूं तो
मैंने समझाने का प्रयास किया परेशान होगा, व्‍यस्‍त होगा, आ जाएगा।
दीदी सोमवार को आएगा कह के गया था दो सोमवार बीत गया, सिर्फ इंतजार कर रही हूं। क्‍या ऐसा होता है प्‍यार
मैं चुप।  
दीदी, उसने कहा था वो मेरे साथ है, हमेशा।
फिर क्‍यों नहीं आया वापस?
मैंने उसके विश्‍वास को विश्‍वास करते हुए उसे कहा समय दो हो सकता है सचमुच परेशान हो?
उसने रोती हुई आंखों को पोछते हुए कहा दीदी मैं उसे बताउंगी प्‍यार क्‍या होता है? मैं करूंगी उसका इंतजार। अब लोग मुझे मेहू के नाम से जानेंगे। उसे पता होना चाहिए हम लड़कियां गुडि़या नहीं है। हमारा दिल है।

मुझे कोई प्‍यार करेगा ऐसी चाह मेरी नहीं थी, भगवान से बोलो न कि अगर अब मिलने नही ंआया तो किसी को पता भी नहीं चलेगा और मैं सो जाउंगी हमेशा के लिए।  गहरी शांति.... मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और कहा अगर वो सच्‍चा है तो जरूर आएगा। अपने प्‍यार पर विश्‍वास करो।   

मेहू की डबडबाई आंखें मुझे आंख बंद करने नहीं दे रही हैं। मेरा दिल रो रहा है।
बेचारी मासूम मेहू। काश उसे उसका प्‍यार मिल जाए। 

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