प्रधानमंत्री हर महीने
देशवासियों से करते हैं मन की बात। और पत्रों द्वारा देशवासी ही नहीं विदेशों में
बैठे देशवासी भी पहुंचा रहे हैं अपनी मन की बात। यही नहीं पत्रों के साथ आता है
चंदा। किसी ने भेजा है 10 रुपए तो किसी
पत्र में निकला है 50 रुपए। स्वच्छता अभियान के लिए विदेश से भी आ चुका है 50
डॉलर। हजारों की संख्या में हर दिन आ जाते हैं पत्र। पत्र में होती हैं शिकायतें,
सुझाव, परेशानियां,समस्याएं और उनके समाधान की बात। एक एक पत्र को न केवल पढ़ा
जाता है बल्कि उन पत्रों का रिकॉर्ड भी रखा जाता है।
पूजा मेहरोत्रा
गण्ातंत्र दिवस की आप सभी
साथियों को बधाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 तारीख को एक बार फिर मन की बात
करेंगे। इसबार उनके साथ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी साथ होंगे। जब से
आकाशवाणी पर प्रधानमंत्री ने मन की बात करनी शुरू की है आकाशवाणी और डाक विभाग के
दिन फिर गए हैं। दोनों ही देश के सबसे बड़े सूचना केंद्र गर्त में जा रहे थे अब
चर्चा में हैं। ईमेल, सोशल मीडिया के जमाने में दोनों का सफल उपयोग किया जा रहा
है। एफएम रेडियो और इंटरनेट रेडियो के जमाने में पहचान खो रही आकाशवाणी एक बार फिर
घर घर पहुंच गया है। देश का कोई ऐसा कस्बा मोहल्ला नहीं बचा है जहां से
प्रधानमंत्री से अपनी मन की बात करने के लिए पत्र न आ रहे हों। हर दिन मन की बात
के लिए हजारों पत्र पहुंच रहे हैं। दिन में तीन बार डाक आती है और हर बार सौ दो सौ
पत्र होते हैं। कभी कभी यह संख्या हजार से दो हजार दिन की भी होती है। आकाशवाणी
के दस बेहतरीन कर्मचारी मन की बात को सफल बनाने में दिन रात जुटे हैं। हर एक पत्र
को संजीदगी से न केवल पढा जाता है बल्कि उसे दो दो बार रजिस्टर कर हर एक पत्र का
रिकॉर्ड भी रखा जाता है। पत्र में होती हैं शिकायतें, सुझाव, परेशानियां,समस्याएं
और उनके समाधान की बात। पंजाब ही नहीं महाराष्ट्र भी है ‘नशे की चपेट’ में।
तेलंगाना, आंध्र या यूं कहें पूरा दक्षिण भारत ‘दहेज प्रथा’ से पीडि़त है। सेवेन
सिस्टरर्स राज्यों की नजरअंदाजी का क्या पड़ रहा है युवाओं पर प्रभाव। क्या है
वहां की मूल भूत समस्याएं। खेती किसानी
की समस्याएं। बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, माहाराष्ट्, कोलकाता में सरकारी
से लेकर निजी कंपनियों में हो रहे घोटाले, कैसे कैसे भ्रष्टाचार। सबकी पोल एक
पत्र के माध्यम से खुल रही है।
हर दिन हर जगह की कहानी फर्स्ट हैंड प्रधानमंत्री
कार्यालय तक पहुंच रही है। देश की छोटी से लेकर बड़ी समस्याओं का अंबार पीएमओ तक
है। और अब पीएमओ देश के हर आम आदमी से
जुड़ चुका है। अब न केवल प्रधानमंत्री तक देशवासियों की पहुंच आसान हो गई है बल्कि
हर किसी की बात प्रधानमंत्री तक पहुंच रही है। देशवासी प्रधानमंत्री की इस पहल से
काफी प्रसन्न हैं।
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