पूजा मेहरोत्रा
क्या आप अपने परिवार को
मोटापा, कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारियों से बचाने के लिए खाने पीने की हर फरमाइश
घर पर ही पूरी करती हैं। इसके लिए आपकी रसाईगैस पर एक तेल भरी कड़ाही चढ़ी ही रहती
है। जिसने जब फरमाइश की आपने झटपट पूरी कर दी। सुबह बच्चों को जिस तेल में पूरियां
तल कर खिलाई थीं, उसी तेल में दिन में घर के बुजुर्गों के लिए पूरियां तल दीं और
जब पति शाम में थके मांदे आए और पकौड़े खाने की इच्छा जाहिर की आपकी कड़ाही तेल
के साथ तैयार थी आपने दनादन पकौड़े भी तल दिए। क्या आप जानती हैं कि आप अपने
परिवार को स्वस्थ नहीं रख रही हैं बल्कि आप खुद उनकी बीमारियों की जिम्मेदार हैं। बार बार एक ही
तेल को गर्म करने से वह जहरीला हो जाता है। उसमें ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा इतनी
अधिक बढ़ जाती है कि वह दिल की बीमारी, मोटापा, डायबिटीज, किडनी में खराबी के साथ,
मां न बन पाने से लेकर कैंसर जैसी बीमारियों की बड़ी वजह बन सकता है। डॉक्टर और
न्यूट्रीनिशट की टीम ने हाल ही में सर्वे
किया है जिसमें यह गंभीर बातें सामने आई हैं। भारतीयों में कॉलेस्ट्रॉल का बढ़ना,
मोटापा का महामारी का रूप लेना, दिल की बीमारी होना, लीवर का काम न करना, बांझपन, और
अस्थ्मा जैसी खतरनाक बीमारियों की एक बड़ी वजह आपके किचन में लगातार चढ़ी हुई
कड़ाही और उसमें गर्म होता तेल है। तेल जब तक खत्म नहीं हो जाता आप उसी तेल में
सामान तलती रहती हैं। विशेषज्ञों की मानें तो तेल में सिर्फ एक बार ही फ्राई किया
जाना चाहिए और फिर उस तेल का उपयोग थोड़ी थोड़ी मात्रा में सब्जी बनाने या अन्य
किसी काम में लेना चाहिए। अध्ययन में यह भी पता चला है कि महिलाओं को ट्रांस फैटी
एसिड के जोखिम की जानकारी ही नहीं है। डायबिटीज फाउंडेशन ऑफ इंडिया कि सीनियर
रिसर्च ऑफिसर स्वाति भारद्वाज ने बताया कि शोध के दौरान पता चला कि लगभग 44 फीसदी
महिलाएं एक बार जो तेल कड़ाही में फ्राई करने के लिए डालती हैं उसे दो से तीन बार
उपयोग करती हैं जबकि 54 फीसदी महिलाएं तो कड़ाही में ही तेल पड़ा रहने देती हैं जब
जरूरत होती है उसे गर्म कर सामान फा्ई करती रहती हैं। स्वाति बताती हैं कि भारतीय
महिलाओं में टीएफए क्या है और इसके क्या नुकसान है इसकी जानकारी ही नहीं है।
खाना बनाने और फ्राई क्या और कैसे की जानकारी भी नहीं है। अमूमन सारी महिलाएं
किसी भी सामान को फ्राई करने से पहले तेल को जलाने तक गर्म करती ही रहती हैं।
नेशनल डायबिटीज, ओबेसिटी और कॉलेस्ट्राफल के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ अनूप मिश्र
कहते हैं कि हमारे देश में अभी तक लोगों को यह भी जानकारी नहीं है कि खान पान में
ट्रांस फैटी एसिड कितना खतरनाक है। हम में से कई आज भी यह मानते हैं कि घर में बना
खाना सुरक्षित और स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। लेकिन जैसा हमने अपने अध्ययन
में पाया है कि भारतीय रसोई में तेल को बार बार गर्म कर उसे जहरीला बनाया जा रहा
है ऐसा भोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हमें आज से नहीं अभी से अपनी
रसोई में बनाए जा रहे भोजन के स्टाइल और खान के स्टाइल को बदलना होगा तभी हम स्वस्थ्
हो सकेंगे। हमारे देश में मोटापा और डायबिटीज महामारी की तरह फैल रही है इसकी बहुत
बड़ी वजह हमारा खान पान और रहन सहन ही है। हमारे छोटे छोटे बच्चे उच्च रक्तचाप,
डायबिटीज और मोटापा जैसी बीमारी से ग्रसित हैं। अगर जल्द से जल्द खान पान और रहन सहन में बदलाव नहीं किया गया तो
वह दिन दूर नहीं जब हम पूरी दुनिया में जनस्ंख्या के बाद बीमारियों के लिए जाने
जाएंगे।
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